John 13:1 in Urdu 1 फ़सह की ईद अब शुरू होने वाली थी। ईसा' जानता था कि वह वक़्त आ गया है कि मुझे इस दुनिया को छोड़ कर बाप के पास जाना है। अगरचे उस ने हमेशा दुनिया में अपने लोगों से मुहब्बत रखी थी, लेकिन अब उस ने आख़िरी हद तक उन पर अपनी मुहब्बत का इज़हार किया।
Other Translations King James Version (KJV) Now before the feast of the passover, when Jesus knew that his hour was come that he should depart out of this world unto the Father, having loved his own which were in the world, he loved them unto the end.
American Standard Version (ASV) Now before the feast of the passover, Jesus knowing that his hour was come that he should depart out of this world unto his Father, having loved his own that were in the world, he loved them unto the end.
Bible in Basic English (BBE) Now before the feast of the Passover, it was clear to Jesus that the time had come for him to go away from this world to the Father. Having once had love for those in the world who were his, his love for them went on to the end.
Darby English Bible (DBY) Now before the feast of the passover, Jesus, knowing that his hour had come that he should depart out of this world to the Father, having loved his own who were in the world, loved them to the end.
World English Bible (WEB) Now before the feast of the Passover, Jesus knowing that his time had come that he would depart from this world to the Father, having loved his own who were in the world, he loved them to the end.
Young's Literal Translation (YLT) And before the feast of the passover, Jesus knowing that his hour hath come, that he may remove out of this world unto the Father, having loved his own who `are' in the world -- to the end he loved them.
Cross Reference Matthew 26:2 in Urdu 2 “तुम जानते हो कि दो दिन के बाद ईद-ए-फ़सह होगी। और इब्न-ए-आदम मस्लूब होने को पकड़वाया जाएगा।”
Matthew 26:45 in Urdu 45 तब शागिर्दों के पास आकर उसने कहा “अब सोते रहो, और आराम करो, देखो वक़्त आ पहुँचा है, और इबने आदम गुनाहगारों के हवाले किया जाता है।
Matthew 28:20 in Urdu 20 और उन को ये ता'लीम दो, कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैंने तुम को हुक्म दिया; और देखो, मैं दुनिया के आख़िर तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
Mark 14:1 in Urdu 1 दो दिन के बा'द फ़सह और ई'द- ए फितर होने वाली थी और सरदार काहिन और फ़क़ीह मौका ढूँड रहे थे कि उसे क्यूँकर धोखे से पकड़ कर क़त्ल करें।
Luke 9:51 in Urdu 51 जब वो दिन नज़दीक आए कि वो ऊपर उठाया जाए, तो ऐसा हुआ कि उसने यरूशलीम जाने को कमर बाँधी |
Luke 13:32 in Urdu 32 “ उसने उनसे कहा, ““जाकर उस लोमड़ी से कह दो कि देख, मैं आज और कल बदरूहों को निकालता और शिफ़ा बख्शने का काम अन्जाम देता रहूँगा, और तीसरे दिन पूरा करूँगा |”
Luke 22:1 in Urdu 1 बेख़मीरी रोटी की ईद यानी फ़सह की ईद क़रीब आ गई थी।
Luke 22:53 in Urdu 53 मैं तो रोज़ाना बैत-उल-मुक़द्दस में तुम्हारे पास था, मगर तुम ने वहाँ मुझे हाथ नहीं लगाया। लेकिन अब यह तुम्हारा वक़्त है, वह वक़्त जब तारीकी हुकूमत करती है।”
John 6:4 in Urdu 4 और यहूदियों की'ईद-ए-फसह नज़दीक थी|
John 7:6 in Urdu 6 “पस ईसा'ने उनसे कहा, ““मेरा तो अभीवक़्तनहीं आया,मगर तुम्हारे लिए सबवक़्तहै|”
John 7:30 in Urdu 30 पस वो उसे पकड़ने की कोशिश करने लगे,लेकिन इसलिए कि उसका वक़्त अभी न आया था,किसी ने उस पर हाथ न डाला|
John 8:20 in Urdu 20 उसने हैकल में ता'लीम देते वक़्त ये बातें बैत-उल-माल में कहीं; और किसी ने इसको न पकड़ा, क्यूंकि अभी तक उसका वक्त न आया था |
John 11:9 in Urdu 9 ईसा' ने जवाब दिया, “क्या दिन में रोशनी के बारह घंटे नहीं होते? जो शख़्स दिन के वक़्त चलता फिरता है वह किसी भी चीज़ से नहीं टकराएगा, क्यूँकि वह इस दुनिया की रोशनी के ज़रिए देख सकता है।
John 11:55 in Urdu 55 फिर यहूदियों की ईद-ए-फ़सह क़रीब आ गई। देहात से बहुत से लोग अपने आप को पाक करवाने के लिए ईद से पहले पहले यरूशलम पहुँचे।
John 12:23 in Urdu 23 लेकिन ईसा' ने जवाब दिया, “अब वक़्त आ गया है कि इब्न-ए-आदम को जलाल मिले।
John 13:3 in Urdu 3 ईसा' जानता था कि बाप ने सब कुछ मेरे हवाले कर दिया है और कि मैं खुदा से निकल आया और अब उस के पास वापस जा रहा हूँ।
John 13:34 in Urdu 34 मैं तुम को एक नया हुक्म देता हूँ, यह कि एक दूसरे से मुहब्बत रखो। जिस तरह मैं ने तुम से मुहब्बत रखी उसी तरह तुम भी एक दूसरे से मुहब्बत करो।
John 14:28 in Urdu 28 तुम ने मुझ से सुन लिया है कि ‘मैं जा रहा हूँ और तुम्हारे पास वापस आऊँगा।’ अगर तुम मुझ से मुहब्बत रखते तो तुम इस बात पर ख़ुश होते कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ, क्यूँकि बाप मुझ से बड़ा है।
John 15:9 in Urdu 9 जिस तरह बाप ने मुझ से मुहब्बत रखी है उसी तरह मैं ने तुम से भी मुहब्बत रखी है। अब मेरी मुहब्बत में क़ायम रहो।
John 15:13 in Urdu 13 इस से बड़ी मुहब्बत है नहीं कि कोई अपने दोस्तों के लिए अपनी जान दे दे।
John 16:5 in Urdu 5 लेकिन अब मैं उस के पास जा रहा हूँ जिस ने मुझे भेजा है। तो भी तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, ‘आप कहाँ जा रहे हैं?’
John 16:28 in Urdu 28 मैं बाप में से निकल कर दुनिया में आया हूँ। और अब मैं दुनिया को छोड़ कर बाप के पास वापस जाता हूँ।”
John 17:1 in Urdu 1 यह कह कर ईसा ने अपनी नज़र आसमान की तरफ़ उठाई और दुआ की, “ऐ बाप, वक़्त आ गया है। अपने बेटे को जलाल दे ताकि बेटा तुझे जलाल दे।
John 17:5 in Urdu 5 और अब मुझे अपने हुज़ूर जलाल दे, ऐ बाप, वही जलाल जो मैं दुनिया की पैदाइश से पहले तेरे साथ रखता था
John 17:9 in Urdu 9 मैं उन के लिए दुआ करता हूँ, दुनिया के लिए नहीं बल्कि उन के लिए जिन्हें तू ने मुझे दिया है, क्यूँकि वह तेरे ही हैं।
John 17:13 in Urdu 13 अब तो मैं तेरे पास आ रहा हूँ। लेकिन मैं दुनिया में होते हुए यह बयान कर रहा हूँ ताकि उन के दिल मेरी ख़ुशी से भर कर छलक उठें।
John 17:16 in Urdu 16 वह दुनिया के नहीं हैं जिस तरह मैं भी दुनिया का नहीं हूँ।
John 17:26 in Urdu 26 मैं ने तेरा नाम उन पर ज़ाहिर किया और इसे ज़ाहिर करता रहूँगा ताकि तेरी मुझ से मुहब्बत उन में हो और मैं उन में हूँ।”
John 18:4 in Urdu 4 ईसा को मालूम था कि उसे क्या पेश आएगा। चुनाँचे उस ने निकल कर उन से पूछा, “तुम किस को ढूँड रहे हो?”
Romans 8:37 in Urdu 37 मगर उन सब हालतों में उसके वसीले से जिसने हम सब से मुहब्बत की हम को जीत से भी बढ़कर ग़लबा हासिल होता है।
1 Corinthians 1:8 in Urdu 8 जो तुम को आख़िर तक क़ायम भी रख्खेगा, ताकि तुम हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा'' मसीह के दिन बे'इल्ज़ाम ठहरो।
Ephesians 5:25 in Urdu 25 ऐ शौहरो! अपनी बीवियों से मुहब्बत रख्खो, जैसे मसीह ने भी कलीसिया से मुहब्बत करके अपने आप को उसके वास्ते मौत के हवाले कर दिया,
Hebrews 3:6 in Urdu 6 लेकिन मसीह बेटे की तरह उसके घर का मालिक है, और उसका घर हम हैं; बशर्ते कि अपनी दिलेरी और उम्मीद का फ़ख़्र आख़िर तक मज़बूती से क़ायम रख्खें |
Hebrews 3:14 in Urdu 14 क्यूँकि हम मसीह में शरीक हुए हैं, बशर्ते कि अपने शुरुआत के भरोसे पर आख़िर तक मज़बूती से क़ायम रहें |
Hebrews 6:11 in Urdu 11 लेकिन हमारी बड़ी ख़्वाहिश यह है कि आप में से हर एक इसी सरगर्मी का इज़हार आख़िर तक करता रहे ताकि जिन बातों की उम्मीद आप रखते हैं वह हक़ीक़त में पूरी हो जाएँ।
1 Peter 1:13 in Urdu 13 इस वास्ते अपनी 'अक़्ल की कमर बाँधकर और होशियार होकर,उस फ़ज़ल की पूरी उम्मीद रख्खो जो ईसा' मसीह के ज़हूर के वक़्त तुम पर होने वाला है|
1 John 4:19 in Urdu 19 हम इस लिए मुहब्बत रखते हैं कि पहले उसने हम से मुहब्बत रख्खी |
Revelation 1:5 in Urdu 5 और ईसा ' मसीह की तरफ़ से जो सच्चे गवाह और मुर्दों में से जी उठनेवालों में पहलौठा और दुनियाँ के बादशाहों पर हाकिम है, तुम्हें फ़ज़ल और इत्मीनान हासिल होता रहे | जो हम से मुहब्बत रखता है, और जिसने अपने ख़ून के वसीले से हम को गुनाहों से मु'आफ़ी बख्शी,